स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लम्बे समय तक जुड़े रहने के बाद, कुछ व्यक्तिगत कारणों से, रिटायरमेंट की उम्र से दो वर्ष पहले, बैंक की जॉब से वी.आर.एस.लेने के बाद, प्रकृति, अध्यात्म तथा लेखन से जुड़ी अपनी रुचियों को पूरा करने का समय मिला, जिसके लिए मैं ईश्वर का अत्यंत आभारी हूँ।