ऐसा किसने सोचा था, साक्षी इतनी खराब तो नहीं थी, वह तो रमन को जी जान से चाहती थी, पर उसने क्या किया।
रमन मिल्की वे के केन्द्रीय भाग की अस्पताल लाइन के एक कमरे में अधमरा पड़ा था, वह बेहोश था, उसकी हालत खराब होती जा रही थी, वह जीएगा या मर जाएगा, इसकी खबर डॉक्टर भी नहीं दे पा रहे थे।
वहीं साक्षी खड़ी थी, उसके हाथ बांध दिए गए थे, उससे अमित सबाल कर रहा था,
"तुमने, क्यों मारा, रमन सर तो तुमसे प्यार करते थे और तुम भी तो उनसे बहुत प्यार करती थी, बताओं क्यों मारा सर को," अमित की आँख में आँसू थे, वह साक्षी को झकझोर रहा था, पर साकी कुछ नहीं बोल रही थी, वह अभी भी रमन को मारने की कोशिश कर रही थी पर जब पर यह नहीं कर पाई तो उसने अमित में ही चाकू मार दिया, जिससे उसने उसे छोड़ दिया पर तब सीनट, प्रशांत और प्रदीप ने उसने पकड़ लिया।